Gunjan Kamal

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कंठस्थ करा दिया




मेरी सच्ची साथी! जब मैं पिछली बार तुमसे मिलने आई थी तो तुम्हें याद ही होगा कि मैंने अपने स्कूल जीवन की वह बात बताई थी कि  बहुत कोशिश के बाद भी मैं पहाड़ा को याद नहीं कर पा रही थी। इस बात को मेरी मां भी समझने लगी थी और अपनी तरफ से वे कोशिश भी करती रहती थी कि मुझे पहाड़ा कंठस्थ हो जाए लेकिन उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद भी मुझे पहाड़ा याद ही नहीं हो पाता था। 

मेरी सच्ची साथी! मैं जब तुमसे पर पिछली बार मिली थी उसमें मैंने कहा था कि हमारे स्कूल में एक  ऐसे शख्स थे  जिन्होंने  पहाड़ा याद करा इसमें पारंगत कर दिया था। हमारी कक्षा में जो गणित पढ़ाने आते थे उनका नाम  राम विराजी सर था। उन्होंने भी बहुत कोशिश की लेकिन वही ढाक के तीन पात।  जैसा कि मैंने तुम्हें बताया कि मुझे पहाड़ा याद ही नहीं होता था इसीलिए मैं उनके और मां के लाख कोशिशों के बाद भी पहाड़ा याद नहीं कर पा रही थी। 

मेरी सच्ची साथी! हमारे स्कूल में  पांचवी क्लास से सातवीं क्लास तक के विद्यार्थियों को जो गणित पढ़ाते थे उनका नाम शेखर सर था हालांकि मुझे मां ने कभी बताया नही लेकिन मुझे लगता है  मां ने उनसे भी मेरी इस परेशानी के बारे में बात की थी इसीलिए एक दिन उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि मैंने तुम्हें देखा है कि तुम्हें पहाड़ा बोलने में हिचकिचाहट होती है इसका मतलब यह है कि तुम इसे बोलते वक्त  भूल जाती हो। कल  से सिर्फ १५ दिन तक छुट्टी होने के पहले के दो क्लास मैं उन बच्चों को पहाड़ा सिखाने में बिताऊंगा जिन्हें तुम्हारे जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उस क्लास में तुम भी होगी। 

मेरी सच्ची साथी! पहले तो मुझे लगा कि वही रोज- रोज जैसे होता है वैसे ही होगा लेकिन अगले दिन बेमन से उस कक्षा में मैं गई तो थी लेकिन छुट्टी होने के बाद मेरे चेहरे पर खुशी थी और पहले दिन के क्लास से ही मुझे ऐसा लगने लगा था कि १५ दिन तो क्या मैं १० दिन में ही पूरे २० तक पहाड़े  कंठस्थ कर लूंगी। १५वें दिन जब उन्होंने मेरे साथ - साथ सब बच्चों का टेस्ट लिया तो उनके साथ- साथ स्कूल के सभी अध्यापकों और खास तौर पर मेरी  मां के चेहरे पर एक अलग ही खुशी मुझे देखने को मिल रही थी। 

मेरी सच्ची साथी ! दूसरी कक्षा के मध्यांतर में ही मैंने बेहिचक पहाड़े बोलना सीख लिया था और अपने बच्चों को भी मैंने उसी तरह से पहाड़े सिखाएं जैसे मुझे शेखर सर ने सिखाया था। मेरे स्कूल से संबंधित और भी बहुत सी बातें हैं जो मैं आगे जब तुम से मिलने आऊंगी तब तुम्हारे साथ साझा करूंगी, तब तक के लिए मुझे जाने की इजाजत दो। 


              🙏🏻🙏🏻 बाय बाय 🙏🏻🙏🏻

गुॅंजन कमल 💗💞💗




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9 Comments

Radhika

09-Mar-2023 01:45 PM

Nice

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अदिति झा

03-Feb-2023 01:20 PM

Nice 👍🏼

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